ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। ‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’ ओम हरिम काली कपलिनी जगातील इतर सर्व गोष्टींसह प्रवासाची सुरुवात करणारे प्रथम व्यक्ती होते. While some dismiss it https://juliusduelp.aboutyoublog.com/37455506/how-to-do-vashikaran-options