जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी । शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला. मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को https://codybjkkk.bloginder.com/23954501/the-5-second-trick-for-chalisa